जल आपूर्ति परियोजनाओं (डब्ल्यूएसपी) में विशेषज्ञता रखने वाली जोधपुर स्थित आईएसओ प्रमाणित एकीकृत इंजीनियरिंग, अधिप्राप्ति एवं निर्माण (“ईपीसी”) कंपनी विष्णु प्रकाश आर पुंगलिया लिमिटेड (वीपीआरपी) ने प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के माध्यम से धन जुटाने के लिए पूँजी बाजार नियामक, सेबी के पास अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) दाखिल किया है।

कंपनी के पास नौ राज्यों में चल रही परियोजनाओं के साथ केंद्र और राज्य सरकारों, स्वायत्त निकायों और निजी निकायों के लिए प्रमुख बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं के डिजाइन और निर्माण का अनुभव है।

प्रति इक्विटी शेयर 10 रुपये अंकित मूल्य वाला यह सार्वजनिक निर्गम 312 लाख तक के शेयरों का पूरी तरह से नया निर्गम है, जिसमें बिक्री का कोई प्रस्ताव नहीं है। इस प्रस्ताव में पात्र कर्मचारियों द्वारा अंशदान के लिए आरक्षण भी शामिल है।

यह प्रस्ताव बुक बिल्डिंग प्रक्रिया के माध्यम से किया जा रहा है, जिसमें योग्य संस्थागत खरीदारों को अधिकतम 50%, गैर-संस्थागत निवेशकों को न्यूनतम 15% और खुदरा व्यक्तिगत निवेशकों को न्यूनतम 35% आवंटन किया जाएगा।

इस नए निर्गम से प्राप्त राशि में से 58.64 करोड़ रुपये तक पूंजीगत उपकरण खरीदने, 140 करोड़ रुपये कंपनी की कार्यशील पूँजी आवश्यकताओं का वित्तपोषण करने, और शेष राशि उपयोग का सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।

अपने प्रमोटर श्री विष्णु प्रकाश पुंगलिया के नेतृत्व में कंपनी के पास तीन दशकों से अधिक समय से बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं को पूरा करने के लगातार ट्रैक रिकॉर्ड के साथ एक मजबूत परिचालन समझ है।कंपनी के पास लगभग 484 निर्माण उपकरण परिसंपत्तियों का एक बड़ा बेड़ा है, जिसमें कुछ प्रमुख आपूर्तिकर्ताओं से प्राप्त क्रशर, एक्सकेवेटर, लोडर, डोजर, पेवर मशीन, क्रेन, ट्रैक्टर और परिवहन वाहन शामिल हैं।

कंपनी की प्रमुख गतिविधियों में पम्पिंग स्टेशनों के साथ जल उपचार संयंत्रों (डब्ल्यूटीपी) सहित जल आपूर्ति परियोजनाओं (डब्ल्यूएसपी) का निर्माण, डिजाइन, रचना, कार्यान्वयन, संचालन, रखरखाव और विकास करना और पानी की आपूर्ति के लिए पाइपलाइन बिछाने के साथ अन्य परियोजनाओं में सड़कों, पुलों, सुरंगों, गोदामों, भवनों, रेलवे भवनों सहित प्लेटफार्मों, स्टेशनों, क्वार्टरों, प्रशासनिक भवनों, रेल-ऊपरी-पुल और अपशिष्ट जल उपचार संयंत्रों (डब्लूडब्लूटीपी) का निर्माण करना शामिल है। कंपनी संचालन और रखरखाव सेवा भी देती है।

जबकि वीपीआरपीएल का ध्यान जल आपूर्ति परियोजनाओं पर जारी रहेगा, जो वर्तमान में इसके ऑर्डर-बुक में सबसेअधिक हैं, कंपनी की योजना अपनी विशेषज्ञता क्षेत्र का विस्तार करते हुए रेलवे, सिंचाई, रोडवेज के अलावा अन्य बुनियादी ढाँचा ईपीसी परियोजनाओं के लिए बोली लगाना है।

31 दिसंबर, 2022 तक कंपनी की कुल 5,653.43 करोड़ रुपये की 51 परियोजनाएँ चालू थी, जिनमें से 1,816.81 करोड़ रुपये के काम का निष्पादन कर दिया गया है और शेष 3,836.62 करोड़ रुपये राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मणिपुर, उत्तराखंड, गुजरात, असम और हरियाणा के राज्यों में निष्पादन के लिए डब्ल्यूएसपी वाले ऑर्डर बुक का हिस्सा है।

कंपनी का राजस्व वित्त वर्ष 2019-20 के 373.15 करोड़ रुपये से वित्त वर्ष 2021-22 में 45.10% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (“सीएजीआर”) से बढ़कर 785.61 करोड़ रुपये हो गया, जबकि इसका लाभ वित्त वर्ष 2019-20 के 12.66 करोड़ रुपये से 88.25% की सीएजीआर से बढ़ कर वित्त वर्ष 2021-22 में 44.85 करोड़ रुपये हो गया। ईबीआईटीडीए वित्त वर्ष 2019-20 में 40.18 करोड़ रुपये था, जो 48.54% की सीएजीआर से बढ़कर वित्त वर्ष 2021-22 में 88.64 करोड़ रुपये हो गया है।

31 दिसंबर, 2022 को समाप्त नौ माह के लिए परिचालन से राजस्व 712.70 करोड़ रुपये रहा और कर के बाद लाभ 50.74 करोड़ रुपये रहा, जबकि ईबीआईटीडीए मार्जिन 13.13% रहा।

अपने सूचीबद्ध समकक्षों, पीएनसी इंफ्राटेक लिमिटेड (17.37%), एच. जी. इंफ्रा इंजीनियरिंग लिमिटेड (30.42%), एनसीसी लिमिटेड (9.17%), रेल विकास निगम लिमिटेड (19.66%), आईटीडी सीमेंटेशन इंडिया लिमिटेड (6.31%) की तुलना में कंपनी का अपने नेटवर्थ 32.94% पर अधिकतम रिटर्न है।

बुनियादी ढाँचा खंड भारत के आर्थिक विकास के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है क्योंकि यह टाउनशिप, हाउसिंग, बिल्ट-अप इंफ्रास्ट्रक्चर और निर्माण विकास परियोजनाओं जैसे संबद्ध क्षेत्रों के विकास को संचालित करता है। 2025 तक 50 खरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए बुनियादी ढाँचा का विकास समय की माँग है। सरकार ने बुनियादी ढाँचा क्षेत्र को विकसित करने के लिए ‘मेक इन इंडिया’ और उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना जैसे अन्य पहल के साथ संयुक्त रूप से राष्ट्रीय बुनियादी ढाँचा पाइपलाइन (एनआईपी) शुरू किया है। ऐतिहासिक रूप से, देश का 80% से अधिक बुनियादी ढाँचा खर्च परिवहन, बिजली तथा पानी और सिंचाई के वित्त पोषण पर गया है। केयरएज की रिपोर्ट के अनुसार एनआईपी में केंद्र की हिस्सेदारी 39% है, जबकि राज्य और निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी क्रमशः 39% और 22% है।

भारत सरकार ने 2024 तक देश के प्रत्येक ग्रामीण घर में सुरक्षित और पर्याप्त पेय जल पहुँचाने के उद्देश्य से कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) देने के लिए 15 अगस्त, 2019 को जल जीवन मिशन (जेजेएम) की शुरुआत की है। डीआरएचपी में उल्लिखित केयरएज रिपोर्ट के अनुसार, कायाकल्प और शहर का आमूल-चूल बदलाव करने के अटल मिशन (एएमआरयूटी) 2.0 का उद्देश्य जल स्रोत का संरक्षण, जल निकायों और कुओं का कायाकल्प, उपयोग किया हुआ पानी का पुनःचक्रण करके और उपचारित जल का फिर से उपयोग करके और वर्षा जल संचयन के माध्यम से शहरों के पानी को सुरक्षित करना और शहरों को पानी के मामले में आत्मनिर्भर बनाना है।

च्वाइस कैपिटल एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड और पैंटोमथ कैपिटल एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड बुक रनिंग लीड मैनेजर हैं। इक्विटी शेयरों को बीएसई और एनएसई पर सूचीबद्ध कराने का प्रस्ताव है।